कुछ बात तो है इस दिल को बेकरार किया उसने। ~एकांत नेगी
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
काश कि उनकी नजरों से ऐसी कोई सिफारिश हो जाए।
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे गए यूँ ठहर से,
ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी,
मैं घर का रास्ता भूला, जो shayari in hindi निकला आपके शहर से,
मुझे छोड़ने का फैसला तो वो हर रोज करता है,
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता,
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।